THE WORST ANIMAL(HUMAN)-21
मौली बहुत परेशान हो रही थी सलोनी के लिए वो जानती थी आज उसके घर में बहुत कुछ हो गया होगा । उसने रात को सलोनी को फोन भी किए उसका फोन स्विच ऑफ आ रहा था।
उसने न जाने कितने ही फोन किए पर उसका फोन बंद ही आया सुबह बात बात करने का सोच कर वह सो गए।
अगले दिन सुबह तैयार होकर जल्दी ही घर से निकल गई उसने आज नाश्ता नहीं किया क्योंकि उसे सलोनी से मिलना था और उसका फ़ोन अभी भी बंद आ रहा था वह अब परेशान हो गई थी।
वह बस में बैठी और सलोनी के कर के लिए निकल गए कुछ देर में बस सलोनी के घर के पास पहुंची तो वहां पर सलोनी नहीं थी 10 से 15 मिनट इंतजार करने के बाद भी जब वह नहीं आई तो ड्राइवर ने बस आगे बढ़ा दी । मौली ने कुछ देर और इंतजार करने का कहा तो ड्राइवर ने मना कर दिया कि रोजाना तो इस टाइम तक आ जाती है । आज नहीं आई तो शायद नहीं आने वाली ।
मौली ने एक बार फिर कॉल किया तो इस बार भी उसका फोन स्विच ऑफ आ रहा था वह बुझे मन से कॉलेज पहुंची।
कुछ ही देर में वह कॉलेज पहुंची, बस से उतरी तो आदित्य और उसके दोस्त वही उसका इंतजार कर रहे थे । उसे अकेला पाकर सभी उसके पास आए और बोले सलोनी कहां है मौली ने बताया कि आज वह नहीं आई कल जो भी हुआ उसके बाद शायद उसके घर वालों ने आज नहीं भेजा।
सभी अपनी क्लास की तरफ जाने लगे तभी मौली ने कुछ सोचा और सीधा प्रिंसिपल सर के ऑफिस में गई। वहां जाकर वह बोली सर मुझे आपकी हेल्प चाहिए प्रिंसिपल सर बोले बताओ मैं क्या कर सकता हूं।
सलोनी ने कल अपने कॉलेज के लिए डांस किया था अब आपको उसके लिए कुछ करना पड़ेगा। कल से उसका फोन बंद आ रहा है मुझे उसके बारे में जानना है वो ठीक तो है न क्योंकि मैं उसके घर नही जा सकती उसके पापा मुझे पसंद नहीं करते।
सलोनी कल जब घर पहुंची है तब से उससे कोई बात नहीं हुई है सर मुझे टेंशन हो रही है आप कुछ करिए। प्रिंसिपल सर ने सलोनी की क्लास टीचर को कॉल करके उसके पापा के नंबर मंगवाए उन्होंने मोली के सामने ही उनको कॉल किया ।
कॉल उठाते ही प्रिंसिपल सर बोले नमस्ते सर मैं सलोनी के कॉलेज से बोल रहा हूं उनका प्रिंसिपल । सलोनी के पापा बोले जी नमस्ते सर बताइए क्या हुआ।
प्रिंसिपल सर बोले सलोनी की अभी क्लास टीचर का मेरे पास कॉल आया था सलोनी आज कॉलेज नहीं आई । उसकी तबीयत ठीक तो है ना क्योंकि बहुत जल्द एग्जाम आने वाले हैं और सभी का डेली टेस्ट हो रहा है इस वजह से, वैसे वह हमारे कॉलेज की माइंडेड स्टूडेंट है।
सलोनी के पापा बोले अभी उसकी तबीयत खराब है वह कुछ दिन कॉलेज नहीं आएगी जब ठीक होगी तब आ जाएगी कॉलेज। प्रिंसिपल सर उसका साल खराब हो जाएगा आप जल्दी ही उसका चेकअप करवाइएगा सर। क्योंकि अगर उसने अभी से तैयारी शुरू नहीं की तो फाइनल एग्जाम में पेपर खराब हो जाएंगे उसके।
कुछ देर बात करने के बाद प्रिंसिपल सर ने फोन रख दिया मौली को देखकर बोले वह अपनी बेटी पर काफी गुस्सा है उनकी आवाज से ही पता चल रहा था और इन सब की वजह है मैं अगर मैं सलोनी को उस दिन फोर्स नहीं करता डांस के लिए तो आज वो ठीक होती। उसके पापा ने जरूर उस पर हाथ उठाया होगा हम पुलिस केस करें । मौली बोली सर हम यह नहीं कर सकते सलोनी ऐसा कभी नहीं चाहेगी कि उसके पापा की इज्जत सभी के सामने खराब हो उसकी वजह से।
उदास मन के साथ मौली क्लास रूम में चली गई, उसका क्लास में पढ़ने का मन नहीं कर रहा था जैसे तैसे शाम हुई और वह घर चली गई घर जाकर उसने पूरी बात अपनी मम्मी को बताई उन्होंने भी कहा कि वह भी एक बार बात कर लेती पर मौली ने उनको भी मना की।
रंजना सुबह ऑफिस जाती और शाम को घर आती साहिल अपने आप स्कूल से घर आ जाता था । रंजना जाते टाइम खाना बनाकर जाती । साहिल स्कूल से आकर खाना खाता और दोपहर में अपना होमवर्क खत्म करके कुछ देर सो जाता। शाम को रंजना घर आती तो दोनों ही साथ में खाना बनाते और खा कर सो जाते हैं।
3 से 4 दिन ऐसे ही निकल गए सलोनी कॉलेज नहीं आई। पिछले 4 दिनों में वह पुलिस वाला रंजना के घर रात को दो बार आया और हर बार की तरह इस बार भी उसने वो ही हैवानियत दिखाई। उसके जाने के बाद साहिल हमेशा अपनी मां के कमरे में आता और उसके सिर के पास बैठ कर उसे सुला देता।
अगले दिन सुबह रंजना साहिल को छोड़ने उसके स्कूल गई एक बार फिर से उस आदमी से रंजना की नजरें मिली वह अपनी बेटी को छोड़ने आया था। उसकी कार से उसने अपनी बेटी को उतारा जैसे ही उसने साहिल को देखा और भागकर उसके पास आई और बोली यह तुम्हारी मॉम है।
साहिल ने हां में गर्दन हिलाई तो वह लड़की रंजना के पास आकर बोली हाय आंटी मेरा नाम है परी। मैं साहिल की क्लासमेट हूं । आप खाना बहुत ही अच्छा बनाती है मैं और साहिल हर बार खाना शेयर करके खाते हैं।
परी के पापा वह वही गाड़ी के पास खड़े होकर उनकी बातें सुन रहे थे रंजना ने परी को थैंक्स बोला । स्कूल की टीचर जब उन दोनों को बुलाने आए तो दोनों टीचर के साथ अंदर चले गए रंजना एक बार फिर से परी के पापा की तरफ नजर घुमाई और फिर पैदल ही ऑटो पकड़ने के लिए रोड की तरफ चली गई।
रंजना ऑटो का इंतजार कर रही थी तभी परी के पापा कार लेकर वहां आए और लिफ्ट के लिए पूछा। हर बार की तरह इस बार भी रंजना ने मना किया। वह लेट भी हो रही थी और उसके पास और कोई ऑप्शन नहीं था। परी के पापा बार बार बोल रहे थे।
वह जाकर उनकी पास वाली सीट पर बैठ गई वह बोले मेरा नाम सुधीर है । आपको कौन सी जगह छोड़ना है रंजना ने उन्हें रास्ता बताया 10 मिनट में सुधीर ने गाड़ी एक कंपनी के बाहर जाकर रोक दी ।
वह बोले आप इस कंपनी में काम करती हैं रंजना बस इतना ही बोली हां। उसने सुधीर को थैंक्स बोला और कार से उतर कर अंदर जाने लगी । सिक्योरिटी गार्ड ने दरवाजा खोला और वह सीधा अंदर चली गई।
उसके जाते ही सुधीर गाड़ी लेकर सीधा निकल चुका था। वह जाकर सीधा मैनेजर के पास गई बोली सर आपका मैसेज आया हुआ था मिलने के लिए बोलाया था आपने।
मैनेजर ने उसे एक फाइल दि और इस फाइल को कंप्लीट करने के लिए बोला । वह बोला सर अभी है नहीं इस ऑफिस में इस ऑफिस की पूरी जिम्मेदारी फिलहाल मेरे पास है और वह आने वाले हैं कुछ दिनों में तो उनके आने से पहले हमें सारा काम खत्म करके उन्हें दे देना है। उनके सामने कोई गलती नहीं होनी चाहिए यह फाइल लो और इसमें कुछ कमियां है और कुछ काम पेंडिंग है जो तुम आराम से कर लेना।
संजना ने मैनेजर हा बोला और वह फाइल लेकर बाहर आकर अपनी डेस्क पर बैठ गई और काम करने लगी । दोपहर के टाइम सुधीर की गाड़ी स्कूल के बाहर खड़ी थी परी को लेने आई हुई थी गाड़ी में ड्राइवर था साहिल को भी उन्होंने उसके घर छोड़ा फिर अपने घर निकल गए।
शाम को जब रंजना घर पहुंची साहिल अपने हॉल में बैठकर टीवी देख रहा था रंजना हाथ मुंह धो कर खाना बनाने गई। साहिल भी उसका साथ दे रहा था खाना बनाने में। आज जो भी हुआ स्कॉल में वह सब बता रहा था दोनों ने खाना बनाया और फिर साथ में बैठकर खाना खाया।
अगले दिन सुबह रंजना साहिल को छोड़ने स्कूल गई , सुधीर और परी दोनों वही खड़े थे। एक बार फिर दोनो की नजरे मिली परी साहिल के साथ अंदर चली गई और आज भी रंजना सुधीर के साथ ही ऑफिस के लिए निकली थी सुधीर रंजना को ऑफिस छोड़कर निकल चुका था।
मौली कॉलेज के लिए निकल चुकी थी वह जाकर अपनी सीट पर बैठ गई। आज भी उसने ड्राइवर से पूछा सलोनी के बारे में तो ने ड्राइवर ने उसे बोला है कि जब मैं उसके घर से होते हुए आया था तब वह घर के बाहर नहीं थी अब जाते हुए भी उसके घर से होते हुए चलते है शायद क्या पता वह आ जाए । कुछ देर में बाद गाड़ी सलोनी के घर के बाहर पहुंच गई तो सलोनी वही घर के बाहर खड़ी इंतजार कर रही थी बस का।
सलोनी को वहां देखकर मौली को बहुत खुशी हुई सलोनी धीरे-धीरे करके बस में चढ़ी और पीछे सीट पर आकर बैठ गई मोली के पास। सलोनी के चेहरे पर चोट के निशान थे। मौली उससे बात करना चाह रही थी पर यह जगह सही नही थी। इसलिए उसने कॉलेज जाकर बात करने का सोचा ।
कुछ देर में वह लोग कॉलेज पहुंच गए जहा आदित्य अपने दोस्तों के साथ उन लोगों का ही इंतजार कर रहा था । मौली सलोनी के साथ पार्क में जाकर बैठी । सलोनी से पूछा सलोनी ने उसे पूरी बात बता दी। सलोनी के पैर में अभी भी दर्द था जिस वजह से उसे दर्द हो रहा था 1 घंटे बाद सभी लोग अपनी अपनी क्लास रूम में पहुंचे। पूरा दिन ऐसे ही निकल गया शाम को वह लोग घर पहुंचे। सलोनी अब घर में किसी से कुछ भी बात नही कर रही थी।
रात के समय उस फैक्ट्री में लाइट जल रही थी तभी गाड़ी आकर रुकी उसमें से एक लड़की को उतारा गया ओर अंदर ले जाकर बेड पर बांध दिया गया था।
वह सभी आदमी बैठ कर खाना खा रहे थे खाना खाने के बाद उन लोगों ने वह अपनी महफिल जमाई शराब की बोतल लेकर बैठ । कोई सिगरेट पी रहा था तो कोई हुक्का पी रहा था सभी लोगों को धीरे-धीरे नशा चढ़ने लगा उन लोगों ने 1- 1 गोलियां खाई और फिर उस लड़की के साथ हैवानियत शुरू करने गए तभी किसी ने उन्हें इशारा करके रोक दिया।
जिसने उन्हें रोका था उसने एक इशारा किया तो एक दो आदमी अंदर गए और वहां से वही बॉक्स बाल लेकर आए। उसको खोला उस बॉक्स के अंदर सेक्स टॉय थे उन्होंने अंदर से वाइब्रेटर निकाला और ऐसे ही बहुत से टॉय उस बॉक्स में थे।
वाइब्रेटर से उस बच्ची के साथ मस्ती करते रहे और फिर अपनी हवस मिटा रहे थे। वह लोग हस्ते हुए उस बच्ची के शरीर के साथ खेल रहे थे । जितने भी लोग मौजूद थे सभी दिमागी तौर पर पागल थे उनके दिमाग में औरतों की कोई वैल्यू नहीं थी। वह औरत को अपने पैरों की जूती के बराबर ही समझते थे। इसीलिए उन्हें बच्ची पर भी कोई दया नहीं आई ।
इस बच्ची की उम्र मुश्किल से 12 से 13 साल की होगी उन्हें इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता।
एक-एक करके उन लोगों ने उस बच्ची के साथ रेप करना शुरू कर दिया उन लोगों ने दवाई ले रखी थी। बच्ची के प्राइवेट पार्ट से खून निकलना शुरू हो गया था और उन लोगों को इससे कोई फर्क नहीं पड़ रहा था वह लोग 3 से 4 घंटे सभी मिलकर अपनी हवस मिटाते रहे। इस बच्ची का ज्यादा खून बहने की वजह से बेहोश हो गई थी । उसको उन लोगों ने पहले ही ड्रग्स का इंजेक्शन दे रखा था जिस वजह से उसे पता नहीं चल रहा था कि उसके साथ हो क्या रहा है वह होश में थी आंखें खोल कर देख रही थी पर उसका शरीर उसका साथ नहीं दे रहा था वह उसका भी नही विरोध कर सकी।
जब उन लोगों की हवस मिट गई तब उन लोगों ने उसे मारकर जंगल में फेंक दिया और वहां से निकल गए।
अगले दिन एक और लड़की के लापता होने की रिपोर्ट दर्ज हुई और नतीजा यही था कि कुछ पता नहीं चला। लड़की के घरवालों का रो रो कर बुरा हाल था पर इससे किसी को क्या फर्क पड़ता है।
कमश:
।। जयसियाराम ।।
vishalramawat"सुकून"(जाना)
अदिति झा
07-Feb-2023 11:51 PM
Nice 👌
Reply
पृथ्वी सिंह बेनीवाल
07-Feb-2023 08:24 PM
शानदार
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सीताराम साहू 'निर्मल'
07-Feb-2023 06:20 PM
शानदार भाग 👏👌🙏🏻
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